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Showing posts from May, 2017

Tumhara sahil

ये दिल हमारी समझ से बिल्कुल ही परे हैं       समझ नही आता जख्म भरे हैं कि हरे हैं      ये सोचकर कि मिल जायेगा खरीदार इसका       लिये अपने दिल को बाजार में खडे हैं       हो जायेगी ...

Kya wo din the..

चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा...हमारे ज़माने में मोबाइल नही थे.! पत्नी : पर ठीक पाँच बजकर पचपन मिनीट पर मैं पानी का ग्लास लेकर दरवाज़े पे आती और आप आ पहुँच...

Aaj dil kuch udaas sa hai..

तुम्हे देखकर दिल फिर से धड़क सा उठा है ... इन निगाहों में फिर से वो तस्वीर बन गयी है जिसपर मैंने धुंध की चादर डाल दिया था ।  आज सब कुछ फिर से नया सा लगने लगा है शायद फिर से तुमसे मोह्...