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Tum fir se yaad aayi

एक वक़्त ऐसा भी था जब तुम्हे देखता था...❤
न जाने क्या क्या पागलों की तरह लिखता था...
और आज ऐसा वक़्त भी है जब तुम्हे देखता हूँ तो सिर्फ हंस कर तुम्हे तुम्हारी फोटू को अपने आँखों से बहुत दूर कर देता हूँ...💔💔
न जाने क्यों??
एक ऐसा वक़्त था की न जाने क्या क्या मैं तुम्हारे लिए सपना सजा लेता था...
आज ऐसा है तुम दूर सपने में भी कही दिखाई नही देती...
एक ऐसा वक़्त था तुम्हारे बारे में सोच कर ही आंसू निकल जाते थे...
आज ऐसा है की तुम्हे ढंग से सोच भी नही पाता हूँ...
न जाने क्यों??
एक वक़्त था जब दोस्तों के साथ तेरी ही बात करता था..
और आज वो भी तेरा जिक्र करदे तो बात पलट देता हूँ...
वक़्त के साथ सब बदल जाता है...
वो भी वक़्त था जब तुम मेरे से बात किये बिना खाना तक नहीं खाती थी...
और आज ये भी एक वक़्त है तुझे ये भी नहीं पता की मै मर गया या ज़िंदा हूँ....
एक वक़्त था जब तुम मुझे कसमें दे कर खाना खिलाती थी..
और आज ये एक वक़्त है तुमको ये तक नहीं पता मैं खाना खाता हूं कि नहीं....💔
तुम दूर ही सही किसी के साथ
मैं अकेला ही सही तन्हा अपने साथ....✍💔💔
वो मेरा सड़क के किनारे एक पान वाले की दूकान पर बैठे रहना..सर्दियों की वो उदासी सी भरी शामें...दिल में तेरी पुरानी यादें...याद आती है बहुत...सबसे ज्यादा याद आता है तेरा प्यार से कहना तुम सिर्फ मेरे हो...मैं धीरे से कहता था तुम्हारा ही तो हूँ हमेशा...फिर सोचता हूँ कितना खूबसूरत झूठ बोलती थी ना तुम तो फिर उदास हो जाता हूँ....अब जिसके साथ हो उसको भी यही कहती होगी ना तुम कि तुम सिर्फ मेरे हो...💔💔 अफ़सोस होता है बहुत काश तेरे से हद में रह कर प्यार करता...मैंने सुना था प्यार में लोग बदल जाते है पर अब सच में यकीन भी हो गया...

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