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आज फिर तेरी याद आयी

ज़िन्दगी चलती तो है पर कभी कभी ऐसे वक़्त आ ही जाते है जब हम पिछली पुरानी ज़िन्दगी को याद करने लगते है, ज़िन्दगी में कई शख्स मिलते है जो हमे बहुत कुछ सिखाते है कुछ करीब हो जाते है , किसी के रिश्तों को नाम मिलता है, और कुछ रिश्ते अधूरे हो जाते है, बिना नाम के , हर किसी को प्यार होता है कई बार होता है  ।
       पर कुछ लोग इतने स्पेशल होते है कि इंसान ना चाहते हुए भी उस रिश्ते में बन्ध जाता है और उस रिश्ते को अहमियत देने लगता है, एक समय तो ऐसा लगता है जैसे वही सब कुछ है और दूसरे ही पल में ये भ्रम भी टूट जाता है ।
                                       हाँ मुझे भी दुबारा मोह्हबत हुआ है मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ, उसके सिवा मुझे कुछ और नही दिखता मैं उसके सिवा किसी और के बारे में नही सोचता।
                               भगवान सबकी किस्मत में सबको नही देता, पर मैं उसेे छिनना चाहता हूँ , किस्मत से दुनिया से, क्योंकि कभी किसी को पता नही चलता की कब उसकी साँसे रूकती है पर मुझे पता चलता है जब-जब उससे बात नही होती तब-तब साँसे रुक सी जाती है ।
कभी कभी मैं बिलकुल टूट जाता हूं उसके ही साथ रह कर, मैं उसके साथ भी बहुत खुश हूं पर कभी कभी ऐसा लगता है जैसे की मैंने गलती कर दिया उसकी ज़िन्दगी में आकर,
हर किसी को कोई न कोई ऐसा जरूर होता है जिससे वो सब कुछ कह सके, हाँ मेरी जिंदगी में भी वो है एक शख्स पर मैं उससे कुछ कह नही पाता  । उसे सब कुछ बताना चाहता हूँ पर कभी बता नही पाता । पता नही क्यों डर सा जाता हूं। मेरी आदत है मैं कभी अपना गम किसी से शेयर नही करता, और ना ही उससे कह पाता हूँ , मेरी हर खुशी में वो शामिल रहती है पर कभी मेरे गम में शामिल नही हुयी मैं बहुत टुटा सा महसूस करता हूँ कभी कभी जब उसकी कमी मुझे महसूस होती है जिसका अब कोई वजूद ही नही है जिससे अब कोई मतलब ही नही है मुझेे तो ये भी नही पता की वो ज़िंदा है या मर गयी ।।
 पर ऐसा लगता है मानो आज भी ये दिल उसी के लिए धड़कता हो,  आज भी उसी के नाम से साँसे चलती है ।।
                                      मैं किसे धोखा दे रहा हूँ खुद को या फिर उसे जो मुझे अपना सब कुछ समझती है । मैं किससे दूर भाग रहा हूँ खुद की कमियो से या फिर किसी की मोह्हबत से मैं कभी कभी खुद भी नही समझ पाता कि मेरा वजूद क्या है ।।
मैं उसे समझाना चाहता हूँ कि अब मैं सिर्फ उसी का हूँ पर लगता है जैसे मैं कोई गलती कर रहा हूँ ।। मैने फिर से कई सपने देखे है पर वो भी टूट रहें है धीरे धीरे, मुझे खुद के ही फ़ैसले पर अब शर्मिंदा होना पड़ता है क्योंकि मेरे ख्वाबो को फिर से तोड़ने वाली कोई और नहीं मेरी दूसरी मोह्हबत है, उसने मुझे कभी समझा ही नहीं , मेरी हर बातों को वो गलत तरीके से ही लेती है ,
शायद मैंने जो पहले किया था अब वो दोबारा मुझसे नहीं हो सकता इसीलिए लोगो को भी हमेशा पहली मोह्हबत याद रहती है क्योंकि दूसरी मोह्हबत या तो बना ही देती है या फिर पूरी तरह से खत्म कर देती है और मेरी दूसरी मोह्हबत ने मुझे खत्म कर दिया है ।।
इसलिए आज फिर से तुम याद आयी क्योकि जो तुमने किया उसे मजबूरी का नाम देके भुलाया तो जा सकता है पर तुम्हे नहीं । तुम तो चली गयी पर मुझे ऐसा क्यों बना दिया कि तुम्हारे बाद अब कोई और मुझे समझता नहीं ।।।।।।😢😫😪😥😥😥

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