Skip to main content

My Dear Best Friend ...


                  कुछ ठीक नहीं चल रहा है यार, ऐसा लग रहा है जैसे सब कही दूर छूटता चला जा रहा है |

तू जब यहाँ थी मेरे पास तो सब कुछ ठीक था और जब नहीं होता तो तू कर देती थी, मुझे समझा कर डाट कर कैसे भी, तुझसे हर बात बता के ऐसा लगता था मानो की मुझे हिम्मत मिल गयी हो हर problems से लड़ने की |

      लेकिन अब, जैसे एक अरसा बीत गया है , अब जैसे बहुत जरुरत है तेरी डाट की,तेरे फटकार की पर अब तो बात किये हुए भी शायद आधे साल से ज्यादा हो गया है, तुम्हे पता है मैंने जिसकी वजह से तुम्हारी दोस्ती को छोड़ा था आज उसे मेरी जरा भी फ़िक्र नहीं उसे मतलब ही नहीं मुझसे , सच कहूं तो अब वो साथ नहीं मेरे ,वो हर चीज़ की कमी तो पूरी कर सकती थी पर एक बेस्ट friend की कभी नहीं , और ये बात भी अलग है की वो कभी इन सब चीज़ो भी पे खरी नहीं उतरी | 



                                                                       सच कहूं तो बहुत याद आती है तेरी , बहुत जरुरत है तेरी, बहुत चाहत है तुझसे मिल के, बहुत बोझ है इस दिल में तुझसे सब कहने की | बहुत जरुरत है बीती बांतो को याद करने की उन लम्हो को फिर से जीने की , जब हम friends का ग्रुप कही बाहर घूमने जाता था, हर दिन कॉलेज over होने के बाद मोमो के shop पर जाना etc | 


                                                                        मुझे पता है सारी गलती मेरी थी किसी एक के वजह से मैंने कभी किसी और को लाइफ में priority नहीं दिया , खासकर अपने बेस्ट friend को, मैंने कभी नहीं समझा की तुम्हे बुरा लगेगा या अच्छा बस जो मुँह में आता तुझे बोल देता, पर सच में मुझे आज मेरे उस friend की बहुत ज्यादा जरुरत है |

                                                 i really miss you so much , सच कहूं तो आज भी मुझे इतनी इंग्लिश नहीं आती जितना तुम गुस्से में बोल जाती हो |

                                                miss you Suji ....... 

Comments

Popular posts from this blog

उसकी मजबूरी रही होगी ....

  तेरे आगोश में दम तोड़ गई कितनी हसरतें,  फिर किसने तेरा नाम मोहब्बत रख दिया... प्यार... कभी महसूस किया है.....? अपने आप को खो कर सबकुछ पाने का अहसास ? यह सिर्फ एक कहानी नहीं बल्कि ज़िंदग़ी की वो सच्चाई है जिसे जानते हुए भी हम अनजान बने रहते हैं। आखिर क्यों मिलने से पहले जो प्यार ज़िंदग़ी के लिए ज़रूरत लगता है मिलने के बाद वही प्यार उसी ज़िंदग़ी के लिए घुटन बन जाता है.. आखिर क्यों... कभी-कभी हकीकत और सपनों के बीच की दूरी का अहसास ही नहीं होता.. क्यों प्यार सिर्फ प्यार ना रह कर पागलपन बन जाता है... और फिर यही पागलपन ज़िंदग़ी के लिए ऐसी सज़ा जहां ना तो ज़ख़्मों की गिनती हो सकती है और ना ही दर्द का हिसाब।       प्यार दोनों को बेशुमार था पर दुनिया के सामने ला पाना शायद दोनों को गवारा न हुआ , और आखिर वो रिश्ता कही गुमनामी में दब के दम घुट गया । उसे सोच के रोते रहना और किस्मत को गुनहगार कहना शायद ये मेरे लिए आसान था क्योंकि मैं ये मानना ही नहीं चाहता था कि मेरी भी कोई गलती होगी मुझे मैं सही लग रहा था , उसकी परवाह किए बगैर आखिर जब उसकी शादी का दिन नजदीक आ गया । तब मेरे...

समझोगी.. तुम भी समझोगी...

                                                                                                      वक़्त ऐसी चीज़ है वो सब कुछ सीखा देता है, इंसान बहुत मजबूत हो जाता है उस तन्हाई में जब उसे किसी की बहुत जरूरत हो और वो बिलकुल अकेला और तनहा हो, वो पल इंसान को पत्थर बना देता है | पर मेरी हर कोशिश नाकाम हो रही है जाने कौन सी मोह्हबत मैंने कर लिया तुमसे की ऐसी सजा मिल रही है ... बस जिंदगी एक ही कश्मकश में गुज़र रही है वो ये की कोशिश इतने वक़्त से सिर्फ एक सख्स को भुलाने की , और रोज की दुआ की ए खुदा वो मुझे फिर से मिल जाये -----                                                  आज तक है उसके लौट आने की उम्मीद,  ...

#arun_kumar_anand #arunkumaranand