सही कहा है किसी ने जिसे जितना चाहो उससे नफरत भी मोह्हबत से कही ज्यादा होती है, मैं खुश था खुद को संभाल लिया था , हर situation में खुद को ढाल चूका था | भूल चूका था उसे जिसकी वजह से मैं बर्बाद हुआ था जिसे मेरी थोड़ी सी भी कदर ना था जिसे मैं बेमतलब का ही मोह्हबत सीखा रहा था , जिसे मोह्हबत में खुदा बना रहा था, जिसे हर पल सही साबित करने के लिए खुद को गलत साबित कर लेता था ,भूल चूका था उसे मैं, निकाल चूका था उसे अपनी जिंदगी की किताब से ,और शायद बहुत खुश भी रहने लगा था , पर कहते है न कोई ख़ुशी ज्यादा दिन तक नहीं टिकती लोगो की नज़र लग जाती है , और मुझे नज़र फिर से उसी ने लगाया जिसने मेरा सब कुछ छीन लिया था, मेरी ख़ुशी ज्यादा दिन तक नहीं रही, ...