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बहुत हिम्मत जुटाई हूँ तब जाके कॉल की हूँ और ये फैसला ली हूँ ......








 1 कॉल कीजिये प्लीज ...

 2 सोना प्लीज यार अब ऐसा मत कीजिये मेरे साथ ....

 3 बहुत हिम्मत जुटाई हूँ तब जाके कॉल की हूँ और ये फैसला ली हूँ ...

 4 हमको ऐसे मत रुलाइये ...

 5 मैंने आपके साथ कोई धोका नहीं किया है ....

 6 😭😭😭😭😭😭

 7 मैं अपने पापा मम्मी की कसम खा के कह रही हूँ ...

 8 चलिए यार अभी भी टाइम है , आप बोले थे ना कि मुझे कभी नहीं छोड़ेंगे , और ये भी बोले थे कि हम दोनों कभी एक दूसरे से अलग नहीं होंगे प्लीज शोना बहुत जरुरत है आपकी ...

 9 😭😭😭😭😭😭

 10 अब मै पीछे नहीं हटूंगी ......

 11 प्लीज मैं बहुत serious हूँ , चलिए ना जाके कर लेते हैं शादी , जब कोई जान जायेगा तब देख लेंगे , आपको हमारे प्यार कि कसम .....

 12 😭😭😭😭😭😭

 13 प्लीज कॉल कीजिये यार हाथ जोड़ रहीं हूँ मैंने किसी से कोई बुराई नहीं की हूँ आप किसी से भी पूछ लीजियेगा . मेरी दोनों friends  से वो दोनों बहुत करीब हैं मेरे ........

 14 😭😭😭😭😭😭

 15 😭😭😭😭😭😭

 16 मेरी हर ख़ुशी आप में है चलिए ना यार शादी कर लेते हैं  कोर्ट marrige कर लेते हैं कोई कुछ नहीं कर पायेगा, क्युकी मेरे पापा अभी भी राज़ी नहीं हैं पर मैं तैयार हूँ 

 17 😭😭😭😭😭😭

 18 प्लीज शोना ....

 19 😭😭😭😭😭😭

 20 😭😭😭😭😭😭

 21 मैं ऐसी नहीं हूँ जितना आप मुझे गलत सोच लिए हैं  ........

 22 प्लीज हमको ले चलिए इससे पहले की मैं कुछ कर बैठूं खुद के साथ .......

 23 मुझे टाइम दीजिये मुझे जरुरत है आपकी मुझे पता है आपको भी मेरी जरुरत है आपका प्यार मेरे लिए ख़तम नहीं हुआ है बस आप अभी गुस्से में हैं इसीलिए ऐसा बोल रहे है  क्युकी मैंने आपसे कोई contact नहीं किया , बात नहीं की इसीलिए आप मुझसे गुस्सा हैं ........

24 😭😭😭😭😭😭

25 आप खूब थप्पड़ लगा लीजियेगा , सारा गुस्सा उतार लीजियेगा, पर मुझे साथ ले चलिए ......

 26 miss u lot .... 


finally 26  messages के बाद मेरा दिल भी पिघल गया था , बस दिल ये कर रहा था की अभी जाऊ और गले लगा लू , और कहु पागल तुझसे नाराज़ कैसे हो सकता हूँ , आँखे आंसुओ से भरी हुयी होंटो पे मुस्कराहट , दिल में अजीब से बेचैनी वाली ख़ुशी मानो आज सब कुछ मिल गया , दिल यही कह रहा था की सबको चीख चीख के बताऊ की सुनो दुनिया वालो , मोह्हबत सच्ची हो तो लौट के जरूरी आती है |

                                                                पर ये मेरी ख़ुशी सिर्फ कुछ लम्हो की थी , मैंने कॉल का रिप्लाई किया और सिर्फ उसकी बातें सुना, मुझे भी कहना बहुत कुछ था पर मै चुप रहा, सिर्फ 6 महीने ही तो हुए थे बिना बात किये हुए पर लगा जैसे कई सालो के बाद बात कर रहा हूँ , उसकी बात सुनते सुनते , धीरे धीरे होंठो की हसी गायब होने लगी, दिल में जो ख़ुशी थी वो अब तकलीफ बनने लगी, बेचैनी और बढ़ने लगी , क्युकी उसे वापस नहीं आना था उसे बस ये साबित करना था की वो मजबूर थी और है, वो मेरे उन लिखे हुए अल्फाज़ो को गलत साबित करने आयी थी short में बोलूं तो अपना दुखड़ा सुनाने आयी थी, की वो कितनी बेबस है कितनी मजबूर है, मै जो की संभल चूका था कुछ हद तक मुझे फिर से बिखेरने आयी थी|

     खैर मैं उसकी बातें  सुनता रहा फिर दिल में ख्याल आया क्या पता सच्ची मोह्हबत इसे भी हो मुझसे तभी तो वापस आयी है पर क्या इस बार ये सच है, मैंने भी सोचा की छोटा सा इम्तेहान लिया जाये, और यकीं मानो .... सिर्फ 12 घंटे में ही उसकी वो सच्ची मोह्हबत ने दम तोड़ दिया , फिर क्या मुझे समझ ही नहीं आया की मैं हंसु या रोऊ, उसके ये messages आज भी मैंने डिलीट नहीं किये क्युकी इन्हे अब देखकर रुलाई नहीं सिर्फ हंसी आती है , कि किसी कि मोह्हबत इतनी बेशरम कैसे हो सकती है |

                                       मजबूरी हर इंसान के पास होती है, हर चीज़ कि पर जिसे निभाना होता है वो रास्ता भी निकाल लेते हैं  , हर कठिनाईओ से लड़ जाते है . पर इसके लिए भी मोह्हबत सच्ची होनी चाहिए |

                                                                                        उसकी मजबूरियां तो मुझे उस दिन दिखी जिस दिन उसकी शादी थी , हर चीज़ उसकी पसंद का लेहंगा , स्टेज , गहने और वो दूल्हा | उसके हांथो कि वो मेहँदी जिसमे  उसका नाम छिपा था जिसे वो मजबूरी बताती रही |

                                                          वैसे अब वो याद नहीं हैं, हाँ कभी कभी अपने शहर जाता हूँ तो वो रास्ते, वो गली , वो resturants .. वो वो जगह जहा कभी कभी हम मिल जाते थे वो याद आने लगती है, लेकिन अब भूल चूका है बस कुछ बातें हैं जो पूछनी है , पर वो ना मिले तो ही अच्छा है ....


                                          कभी मिलो तो एक बात पूछनी हैं 

                                                    कैसे गुजरती है हर रात पूछनी है 

                                                 सिन्दूर जब पड़ा था तुम्हारे मांग में,

                                    मेरे हाथ याद आये थे कि नहीं बस ये बात पूछनी है 

  

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