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#arun_kumar_anand #arunkumaranand

 


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उसकी मजबूरी रही होगी ....

  तेरे आगोश में दम तोड़ गई कितनी हसरतें,  फिर किसने तेरा नाम मोहब्बत रख दिया... प्यार... कभी महसूस किया है.....? अपने आप को खो कर सबकुछ पाने का अहसास ? यह सिर्फ एक कहानी नहीं बल्कि ज़िंदग़ी की वो सच्चाई है जिसे जानते हुए भी हम अनजान बने रहते हैं। आखिर क्यों मिलने से पहले जो प्यार ज़िंदग़ी के लिए ज़रूरत लगता है मिलने के बाद वही प्यार उसी ज़िंदग़ी के लिए घुटन बन जाता है.. आखिर क्यों... कभी-कभी हकीकत और सपनों के बीच की दूरी का अहसास ही नहीं होता.. क्यों प्यार सिर्फ प्यार ना रह कर पागलपन बन जाता है... और फिर यही पागलपन ज़िंदग़ी के लिए ऐसी सज़ा जहां ना तो ज़ख़्मों की गिनती हो सकती है और ना ही दर्द का हिसाब।       प्यार दोनों को बेशुमार था पर दुनिया के सामने ला पाना शायद दोनों को गवारा न हुआ , और आखिर वो रिश्ता कही गुमनामी में दब के दम घुट गया । उसे सोच के रोते रहना और किस्मत को गुनहगार कहना शायद ये मेरे लिए आसान था क्योंकि मैं ये मानना ही नहीं चाहता था कि मेरी भी कोई गलती होगी मुझे मैं सही लग रहा था , उसकी परवाह किए बगैर आखिर जब उसकी शादी का दिन नजदीक आ गया । तब मेरे...

समझोगी.. तुम भी समझोगी...

                                                                                                      वक़्त ऐसी चीज़ है वो सब कुछ सीखा देता है, इंसान बहुत मजबूत हो जाता है उस तन्हाई में जब उसे किसी की बहुत जरूरत हो और वो बिलकुल अकेला और तनहा हो, वो पल इंसान को पत्थर बना देता है | पर मेरी हर कोशिश नाकाम हो रही है जाने कौन सी मोह्हबत मैंने कर लिया तुमसे की ऐसी सजा मिल रही है ... बस जिंदगी एक ही कश्मकश में गुज़र रही है वो ये की कोशिश इतने वक़्त से सिर्फ एक सख्स को भुलाने की , और रोज की दुआ की ए खुदा वो मुझे फिर से मिल जाये -----                                                  आज तक है उसके लौट आने की उम्मीद,  ...