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उसकी मजबूरी रही होगी ....

 तेरे आगोश में दम तोड़ गई कितनी हसरतें, 

फिर किसने तेरा नाम मोहब्बत रख दिया...

प्यार... कभी महसूस किया है.....? अपने आप को खो कर सबकुछ पाने का अहसास ? यह सिर्फ एक कहानी नहीं बल्कि ज़िंदग़ी की वो सच्चाई है जिसे जानते हुए भी हम अनजान बने रहते हैं। आखिर क्यों मिलने से पहले जो प्यार ज़िंदग़ी के लिए ज़रूरत लगता है मिलने के बाद वही प्यार उसी ज़िंदग़ी के लिए घुटन बन जाता है.. आखिर क्यों... कभी-कभी हकीकत और सपनों के बीच की दूरी का अहसास ही नहीं होता.. क्यों प्यार सिर्फ प्यार ना रह कर पागलपन बन जाता है... और फिर यही पागलपन ज़िंदग़ी के लिए ऐसी सज़ा जहां ना तो ज़ख़्मों की गिनती हो सकती है और ना ही दर्द का हिसाब।
      प्यार दोनों को बेशुमार था पर दुनिया के सामने ला पाना शायद दोनों को गवारा न हुआ , और आखिर वो रिश्ता कही गुमनामी में दब के दम घुट गया । उसे सोच के रोते रहना और किस्मत को गुनहगार कहना शायद ये मेरे लिए आसान था क्योंकि मैं ये मानना ही नहीं चाहता था कि मेरी भी कोई गलती होगी मुझे मैं सही लग रहा था , उसकी परवाह किए बगैर आखिर जब उसकी शादी का दिन नजदीक आ गया । तब मेरे आंखों के सामने जैसे एक फिल्म चल रही हो और चीजें साफ साफ दिख रही थी कि मैने सिर्फ उसे गलत ठहराया उसकी मोहब्बत को दरकिनार करके , थोड़ी देर बाद मुझे सब समझ आया कि आखिर मोहब्बत क्या है वो नहीं जो मैने रो के उसे इल्ज़ाम देके किया , असली मोहब्बत तो उसने किया जो अभी भी खामोश थी, 
       फिर ख्याल आया कि मैं कितना बुरा हूं , मैं क्यों कहूं बुरा उसे आखिर वो एक औरत है , निभा न सकी उसकी कोई मजबूरी होगी, महफिलों में जो ऐसे मुस्कुरा रही है, अकेले कमरे में वो भी खूब रोई होगी, वो मशरूफ है अपने उस पल के खुशियों में मगर, अंदर से वो भी चकनाचूर होगी, फिर क्यों मै बददुआ दूं अपनी शहजादी को, मेरी शहजादी भी तो मजबूर होगी, ।
        और इस बात पे मुझे यकीन तब हो गया जब उसकी नज़रे वहां भी मुझे ढूंढ रही थी, जैसे उसे एहसास हो गया था आज भी की मैं उसके आस पास हूं, और उसकी नज़रे जिससे मैं बच न पाया और उसकी आंखों से गिरे आंसुओं ने इतने दिनों के दूरियों को मानो खत्म कर दिया हो और उन आंसुओं की हर एक बूंद मुझसे यही सवाल कर रही थी कि क्यों अब तक कहा थे मुझे ले चलो , मैने आज तक सिर्फ तुम्हारा इंतजार किया ले चलो, 
    उसके आंसुओं के इस सवाल ने मेरी धड़कने बंद कर दी मै बस देखता रह गया और वो इंतजार करती हुई चली गई, आज भी आंखे बंद करते ही उसके वो सवाल मेरे कानो में गूंजते है और मैं आज भी जवाब कुछ नहीं दे पाता हूं ।।

    


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